"ભૂલ" પીઠ જેવી છે... સાહેબ... બીજા ની દેખાઈ,આપણી નઈ...
માણસ હમેંશા વીચારે છે કે ભગવાન છે કે નહી ? પણ ક્યારેય એ નથી વીચારતો કે પોતે માણસ છે કે નહી ??
વાત ચાહે કોઈ પણ હોય સાહેબ એને ફેલાવનર હમેંશા આપણા જ હોય છે....
सही बातें पढ़ने की आदत हो तो सही बातें करने की आदत अपने आप बन जाती है
पेड़ की शाखा पर बैठा पंछी कभी भी डाल हीलने से नहीं घबराता क्योंकी पंछी डाली पर नही अपने पंखों पर भरोसा करता है
जीवन में सब से कठीन दौर वह नही है जब कोई तुम्हें समझता नही है, यह तब होता है जब तुम अपने आप को नही समझ पाते
ना संघर्ष, ना तकलीफ तो क्या मज़ा है जीने में बड़े बड़े तूफ़ान थम जाते हैं जब आग लगी हो सीने में !
भरोसा खुद पर रखो तो ताकत बन जाती है, और दूसरों पर रखो तो कमजोरी बन जाती है…
केसा दौर आया है..!! एक तरफ, कुछ अमीर लोग कीतना सोना खरीदें. ये सोच रहे हैं... और दूसरी तरफ कुछ गरीब लोग कहां सोना है ये सोच रहे हैं.
સાહેબ.. હારીને માણસ ક્યારેય નથી કંટાળતો, પણ કંટાળીને હારી જાય છે .
વીતેલા સમયને યાદ ન રાખો તો ચાલશે પણ તેમાંથી મળેલા અનુભવને કાયમ યાદ રાખજો
तेरे खीलाफ़ क्या तूफ़ान, क्या आँधी और क्या सूनामी करेंगे... आज बाधा बनके जो खड़े हैं, कल तुझे ये सलामी करेंगे …