दिल ने कहा आँख से देखा करो कम क्योंकि देखते हो तुम, तड़पते हैं हम आँख ने कहा दिल से सोचा करो कम क्योंकि सोचते हो तुम, रोते हैं हम
कितनी झूठी होती हैं, मुहब्बत की कसमें देखो तुम भी जिंदा हो और मैं भी ...
उनकी तस्वीर को सीने से लगा लेते हैं, इस तरह जुदाई का ग़म मिटा लेते हैं, किसी तरह कभी ज़िक्र हो जाए उनका तो, हस कर भीगी पलके छुपा लेते हैं.
कुदरत के करिश्मों में अगर रात ना होती, ख़्वाबों में भी उनसे मुलाक़ात ना होती, यह दिल हर ग़म की वजह है.. यह दिल ही न होता तो कोई बात न होती.
आप खफा हो गए तो कोई ख़ुशी न रहेगी, आप के बिना चिरागों में रोशनी न रहेगी, क्या कहे क्या गुजरेगी दिल पर, जिंदा तो रहेंगे पर ज़िन्दगी न रहेगी.
अमीर हुए तो इतने कि सब कुछ उन्हीं पर लुटा बैठे, ग़रीब हुए तो इस क़दर की वापिस उन्ही के दर पर जा बैठे.
तुमने भी बस हमें एक दिए की तरह समझा था, रात गहरी हुई तो जला दिया सुबह हुई तो बुझा दिया...
ना कोई किसी से दूर होता है न कोई किसी के पास होता है रिश्ते खुद चलके आते हैं जब कोई किसी के नसीब में होता है ...
ये महज़ पल है तो इक पल में ही टल जायेगा, और अगर जादू है तो आज भी चल जायेगा, मेरी मिट्टी का खिलौना मुझे वापस कर दे, जिस्म बच्चा है खिलौने से बहल जायेगा
ज़िन्दगी का एक नाम संतुलन भी है और यह विचारों में भी होना चाहिए ...
હકીકત જ શોધવી પડે છે.. સાહેબ, બાકી અફવાઓ તો ઘર સુધી પોહચી જ જાય છે.
खुशी के लिए काम करोगे तो ख़ुशी नहीं मिलेगी, लेकिन खुश होकर काम करोगे, तो ख़ुशी और सफलता दोनो ही मिलेगी